Wednesday, 6 March 2013

दादा साहेब फालके की 1913 में बनी फिल्म राजा हरीशचंद्रऔर एकता कपूर की 2011 में बनी फिल्म द डर्टी पिक्चर को यदि कोई शक्स एक साथ देख ले तो इस बात में कोई शक नहीं कि 100 सालों में भारतीय सिनेमा में आया बदलाव साफ दिखाई देगा। भारत में आज लोगों पर जितना असर सिनेमा का पड़ता है उतना तो गैस और डीज़ल की बढ़ी कीमतों का भी नहीं पड़ता और शायद इसी असर का यह परिणाम है कि भारत और इंडिया दोनों को अब अलग अलग नज़रों से देखा जाने लगा है।    

यह तो स्पष्ट है कि भारतीय सिनेमा में अब वो शु़द्धता नहीं रही जो इसके शुरुआती दिनों में दिखाई देती थी। घूंघट में छुपि उस ज़माने की मुमताज और बदनाम होती आज की मुन्नी को, आप एक जैसी नज़र से नहीं देख सकते। यही हाल भाषा का भी है। वर्तमान सिनेमा तो भाषा को भी दोहरे चरित्र में प्रस्तुत कर रहा है जिसमें कहा कुछ जाता है और उसका मतलब कुछ और ही निकल जाता है। 

सिनेमा में आ रहे इस बदलाव को नियंत्रित करने के लिये 1952 में भारत सरकार ने केंद्रीय फिल्म सर्टिफिकेशन बोर्ड यानि सेंसर बोर्ड का गठन किया। यह बोर्ड आज भी भारत में कार्यरत है और इसका काम यह देखना है कि सिनेमा के माध्यम से कुछ भी ऐसी विषय वस्तु समाज में ना जाये जिससे लोगों की भावनायें आहत हा या समाज पर बुरा असर पड़े। लेकिर कल शाम एक फिल्म देखकर मुझे यह लगा कि क्या वास्तव में सेंसर बोर्ड भारतीय सिनमा को नियंत्रित कर पा रहा है ? यदि हां तो फिर अश्लीलता की परिभाषा क्या है ?

सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत कार्य कर रहा सेंसर बोर्ड फिल्मों को 4 प्रकारों में बांटता है। पहली ऐसी फिल्में जिन्हें किसी भी उम्र का कोई भी व्यक्ति देख सकता है, इन्हें U सर्टिफिकेट दिया जाता है। दूसरी ऐसी फिल्में जिन्हें दिखाने के लिये अभिभावकों का सहयोग आवश्यक है, इन्हें UA सर्टिफिकेट दिया जाता है। तीसरी वे फिल्में जिन्हें सिर्फ 18 वर्ष से अधिक आयु के व्यस्क ही देख सकते हैं इसके लिये A सर्टिफिकेट दिया जाता है और चौथी ऐसी फिल्में जिन्हें एक खास दर्शक वर्ग के लिये ही बनाया जाता है। 

लेकिन इस प्रणाली के बावजूद भी सिनेमा की ऐसी अनेकों रचनायें हैं जिन्हें देखने पर इस प्रणाली की खामियां स्पष्ट नज़र आती है। सिनेमा के इस परिवर्तन से ही समाज में भी एक परिवर्तन आ रहा है जिसे हमने आधुनिकता का नाम दिया है। 

लेकिन इस नकारात्मक आधुनिकता के परिणाम भी अब सामने आने लगे है......

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