छात्र शक्ति का मतलब आखिर क्या होता है,
हिमाचल विश्वविद्यालय का चुनाव बहाली का फैसला इस सवाल के जवाब को कुछ हद तक जाहिर
भी करता है। पहले चुनाव पर रोक लगी, फिर विरोध हुआ और फिर चुनाव बहाली का फैसला आया।
आखिर विश्वविद्यालय प्रशासन को ये समझना पड़ा कि हिंसा रोकने का प्रशासन का ये
तर्क किसी के गले नहीं उतर रहा। चुनाव होने से विश्वविद्यालय और
महाविद्यालयों में माहौल खराब होने की संभावना है लेकिन चुनाव न होने से माहौल
बिगड़ना तय है। शायद इसीलिए कुलपति महोदय ने काफी सोच विचार के बाद अपना फैसला
वापिस ले ही लिया। खैर, इस फैसले के बाद विश्वविद्यालय में चुनावी जोड़
तोड़ शुरु हो गए है। 23 अगस्त को होने वाले SCA
चुनाव के लिए तीनों छात्र संगठन मौका भुनाने की कोशिश में जुट
गए है। विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्र संगठनों की इस आँख मिचौली का एक आम छात्र
पर क्या असर होता है, ये देखना दिलचस्ब होगा। साथ ही देखने लायक होगा कि
विश्वविद्यालय की इस चुनावी हाँ-ना का चुनावी नतीजों पर क्या असर पड़ता है। फिलहाल
इंतजार 23 अगस्त का है.....
Tuesday, 14 August 2012
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