Sunday 23 April 2017


प्रधानमंत्री महोदय...
जिस पद पर आप हैं वहां आपसे सीधे रूबरू होना...मुश्किल है...और भारत जैसे देश में तो किसी भी लालबत्ती वाले से रूबरू होने का मौका मिलना...एवरेस्ट फतह करने जैसा है...हालांकि अब आपने लाल बत्ती का स्विच ऑफ कर दिया है इसके लिए बधाई...लेकिन यहां मेरी आपसे प्रार्थना का मैटर जरा दूसरा है...
योगी के योग में खो चुके मीडिया में कुछ तस्वीरें जंतर मंतर पर बैठे तमिलनाडू के किसानों की नजर आई...एक बार...फिर दूसरी बार...फिर आज तीसरी बार...इन लोगों के विरोध का तरीका देखकर...और इन लोगों की उमर देखकर...आंखें भर आई...वैसे हम मिडल क्लास है...सिस्टम की खामियां देखकर...गालियां देना और रोना धोना हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है..लेकिन इस बार सोचा इस संवेदना को आप तक पहुंचाएं...
अगर आप तक ये संदेश पहुंचा है तो आपसे मेरा विनम्र निवेदन है...हाथ जोड़कर आपसे प्रार्थना है (यकीन मानिये इस वक्त मैने हाथ जोड़े हैं...कुछ देर तक...) प्रार्थना है कि इन किसानों की मांग भले ही न मानें लेकिन एक बार इनसे मिलें जरूर...इनकी बात सुनें...इनकी ओर देखें...ताकि इन लोगों को अपने ही देश में परायों जैसा एहसास न हो...जैसा कि पिछले 50 दिनों से इन्हें हो ही रहा है...
कभी ये लोग नरमुंडों से विरोध करते हैं...कभी अधनंगे होकर...कभी पागल बन कर...तो कभी मानव मूत्र पीकर...आपको शायद इनके हालात मालूम नहीं हो पाए होंगे...क्योंकि अगर होते तो आप जैसा तेज तर्रार प्रधानमंत्री अब तक इनकी समस्या को छू मंतर कर चुका होता...
ज्यादा लंबा नहीं लिखूंगा..क्योंकि 4G के टाइम में कोई ज्यादा देर तक टेक्स्ट जैसी चीज पढ़ नहीं पाता...बोरिंग टाइप का फील होने लगता है...इसलिये आखिर में प्रार्थना यही है...कि इन लोगों की ओर देखें...क्योंकि जब कभी इन 60 और 70 की उम्र पार कर चुके बुजुर्गों को इस हालत में टीवी पर देखता हूं...सिस्टम पर से भरोसा उठने लगता है...हालांकि आप पर भरोसा पूरा है...
बस गुजारिश ये है कि मेरे इस भरोसे को सही साबित करके दिखाएं...
आपका प्रशंसक (समर्थक नहीं लिखूंगा क्योंकि समर्थक का मतलब आजकर 'मोदीभक्त' हो गया है)
धर्म प्रकाश

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